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यु तो तु भोली बहुत है

Updated: Jul 6, 2020


यु तो तु भोली बहुत है, खुद में ही खोई बहुत है !

लोग शायद समझे बुराई, पर दिल से तु प्यारी बहुत हैं !

तेरी सादगी को जिसने भी जाना, उसके लिए तु न्यारी बहुत है !

तु कहां समझा भी पायी, तेरी अधर्मों से दुरी बहुत है !


जिसने देखा, अपना समझा, तेरी अपनी एक छवि है !

जो ना तु लोगों के जैसी, कहा सबने तु बुरी बहुत है !


प्रतिस्पर्धा के दौर में, सबसे पीछे क्यु तु पड़ी है !

जो ने तुने खुल्के बोला, सोचा सबने खाई पड़ी है !


तेरे हर एक चुप्पी को, हर पल यहां रगड़ा है सबने !

शांत जो बैठी है तु, अब तेरी स्वाभिमान ता पे भी एक सवाल है !


चल खड़ी अब हो जा सखी तु, अपने आप से भी लड़ने को !

दिखा दे तु अपनी सारी कौशल, स्वयं को ही पाने को !

चल लगा दे उसको थप्पड़, अपना अप्रमाणित ज्ञान सुनाने को !

हाँ, चल अब उसको करा दे सच का भी सामना, अपने उस रौद्र काली रूप का सामना !

तु यहां खड़ी वीरांगना, अपनी जिवितता का प्रमाण दे !

खोल अपना मुख यथाचित, अपने स्वाभिमान का प्रमाण दे !

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