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RAVANA

महाबली मै वीर हूं, सामर्थ हू बलवान हुं !

रावण मेरा नाम है, ज्ञानियों में मान हु !


कहे लोग अभिमान जिसको, मेरे वीरता का नाम है ! जा पर्वतों से पूछ लो, भुजाओं का बल मेरा ! रंक्षासो का राज हु मै, विध्वंस का आगाज हुं मै ! होंगे वो साक्षात भगवान, पर उनसे भी नाराज  हुं मै !

मारने को जिसके लिए, ब्रह्मा का षड्यांट्र हुआ  ! जिसके लिए नारायण ने भी, नर वेश को धारा है ! तु बता ये जन जनाधि, कौन किससे हारा है ? महाबली मै वीर हूं, सामर्थ हू बलवान हुं ! रावण मेरा नाम है, ज्ञानियों में मान हु !

मुझको तो ये सबकुछ पता था, वैकुंठ धाम में जो योजन बना था ! मारने मुझको यहां, नारायण को धर पे जना था ! मै तो उसी दिन जीत गया, जिस दिन कौशिल्या ने राम को जना था !

सीता को पाकर, वनवास जाकर, भगवान सबकुछ भोग रहे ! मुक्ति के आसार में, मै श्री राम को ही ढूंढ़ रहा था !

त्रिलोक विजय जो मेरा नाम है, कर्म से मुझे मिला है ! स्वयं ब्रह्मा जानते थे, मेरे कर्म को भी मानते थे ! वो तो मेरा सौभाग्य है, राक्षस वंश का कल्याण है ! नर वानर वेश में, देवताओं का आभार है !

मै भला वो कौन हूं, जो सिया को हर सका था, कर अधर्म वो मान का, मेरे तरफ से भगवान को सहयोग था ! श्री राम भी तो भगवान हैं, सौ चाल वो भी चल रहे है, बस एक चाल जों मैंने चली, क्या वो पाप का प्रमाण था ? एक एक कर जो हर दिन, देवताओं के हाथों मर रहे है ! सौभाग्य मेरा है ये सबकुछ, सबका मुक्ति का प्रमाण है ! सज्ज है ये रावण आज, रणभूमि में जाने को ! कुछ खेल और प्रकर्म दिखाकर, स्वर्ग को भी जानें को ! श्री राम तो भगवान है, पराजय विपरीत नाम है ! पर खड़ा वो घायल मानव, मेरे वीरता का प्रमना है

महाबली मै वीर हूं, सामर्थ हू बलवान हुं ! रावण मेरा नाम है, ज्ञानियों में मान हु !

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